एक तुझपे ही हम, जान मरते रहे। लाख पाबंदी लगी,बात करते रहे। प्यार का तेरे ऐसा असर ये हुआ, हम उसी से लड़े जिससे डरते रहे। दिनांक -12/03/2020 #चतुष्पदी #विश्वासी