बारिशें पूछतीं हैं बूंदों की शरारत क्या है, उफ्फ़ कमर पर तिल की ये कयामत क्या है। . ज़ुल्फ़ें झटक कर वो बांध देते हैं अक्सर, ये तो बे'हयायी है इसमें शराफ़त क्या है। . मैं उनको देखता हूँ और वो मुझको देखतें हैं, उफ्फ़ ये तो बस देखना है मोहब्बत क्या है। . यार का सजदा करना और क़ाफिर हो जाना, सोचता है दिल ये खुदाई , ये इबादत क्या है। ©Abhishek Kharwade #Love #rain #Romantic #Rumi #philosophy