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{Bolo Ji Radhey Radhey} “ अरे मन ! लाख टका की बात

{Bolo Ji Radhey Radhey}
“ अरे मन ! लाख टका की बात सुन ! जो पुत्र, पिता, भाई आदि तुझे अपना मानते रहते हैं, यह सब धोखा है।क्योंकि वो लोग अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए ही ऐसा करते हैं। अरे मन ! जब ये लोग अपना ही वास्तविक हित नहीं समझते और सांसारिक विषयों में भटकते रहते हैं, तब भला ये तेरा क्या हित करेंगे। तू इन पर क्या विश्वास करता है। अरे मन ! अब तू सबसे नाता तोड़कर एकमात्र श्यामसुन्दर से नाता जोड़ ले।” जय श्री हरि।।
.जगद्गुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज.

©N S Yadav GoldMine
  #gandhijayanti {Bolo Ji Radhey Radhey}
“ अरे मन ! लाख टका की बात सुन ! जो पुत्र, पिता, भाई आदि तुझे अपना मानते रहते हैं, यह सब धोखा है।क्योंकि वो लोग अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए ही ऐसा करते हैं। अरे मन ! जब ये लोग अपना ही वास्तविक हित नहीं समझते और सांसारिक विषयों में भटकते रहते हैं, तब भला ये तेरा क्या हित करेंगे। तू इन पर क्या विश्वास करता है। अरे मन ! अब तू सबसे नाता तोड़कर एकमात्र श्यामसुन्दर से नाता जोड़ ले।” जय श्री हरि।।
.जगद्गुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज.

#gandhijayanti {Bolo Ji Radhey Radhey} “ अरे मन ! लाख टका की बात सुन ! जो पुत्र, पिता, भाई आदि तुझे अपना मानते रहते हैं, यह सब धोखा है।क्योंकि वो लोग अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए ही ऐसा करते हैं। अरे मन ! जब ये लोग अपना ही वास्तविक हित नहीं समझते और सांसारिक विषयों में भटकते रहते हैं, तब भला ये तेरा क्या हित करेंगे। तू इन पर क्या विश्वास करता है। अरे मन ! अब तू सबसे नाता तोड़कर एकमात्र श्यामसुन्दर से नाता जोड़ ले।” जय श्री हरि।। .जगद्गुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज. #जानकारी

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