थामा था हाथ मेरा फिर क्यों छोड़ना ज़रूरी था मेरी राहों से अपनी राहें क्यों मोड़ना ज़रूरी था ।। मोहब्बत तुमको भी है ये मेरी बदगुमानी ही सही मेरे दिल का ये भरम फिर क्यों तोड़ना ज़रूरी था ।। बहुत वादे किए थे तुमने चाहत और वफाओं के तमाम वादों से फिर मुकरना क्यों ज़रूरी था ।। खुशनुमा भी हो सकती थी मेरी उदास दुनिया मुझे इतना बता तेरा बदलना क्यों ज़रूरी था ।। मैं जियूं अपनी ज़िन्दगी लोगो से डर डर कर मोहब्बत में तुम्हारा ये फैसला क्यों जरुरी था ।। #zarooritha #Nojotohindi #Nojotonews