आँखों में सजाए हैं हमने सपने फिर से किया भरोसा हवाओं पे फिर एकबार है ना फेरना नसीब अब मुंह तुम हमसे माँगा ख़ुदा से उन्हें आख़िरी बार है देखो तेरे इश्क में मेरा क्या हाल हुआ है क्यों अनसुनी मेरी हर फ़रियाद है अपने ही हाथों मैनें ये जाल बुना है और इल्ज़ाम है आशिकी ख़राब है... एक बार फिर से ज़िन्दगी को गले लगाया जाए। #फिरसे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi