सागर से उठा जल बना श्वेत हिम धवल शिखरों से उतरा नदियों में हो उदभूत जन जीवन के लिए बन कर अग्रदूत जिस कारण वनस्पति लहलहाई हरियाली से जिसकी आई तरुणाई पर्वत से मैदान उतर कर ,कर छल छल फिर सागर में समा जाता अविरल ©Kamlesh Kandpal #Jal