ना जाने कितनी किस्ते अभी बाकि है आधी आए खत्म हो जाने के बाद भी अभी घर के खर्चे बाकि है हर दिन की भागम भाग में अभी खुद को ढूँढना बाकि है यह जीना भी तो एक मज़दूरी है और जीने के लिए खुद को ढोना भी ज़रूरी है श्रमिक दिवस