तेरे फटे कपड़ों को देखकर मेरा दिल नहीं जलता। तेरे बिखरे बालों को देख हमें शर्म नहीं आती। तू हो किसी भी धर्म का मगर एक बात समझ। कभी गरीबी आए बिना अमीरी नहीं आती। इतनी ऊंची मकान में रहकर मुझे भी चैन कहां है। AC के कमरे में भी हमें नींद नहीं आती। भटकता मुसाफिर