विखरे विखरे से घूमते हो , कभी तो जुड़ जाओ , संवर जाओ .... दिल में मैल रख क्या हासिल, कभी कभी ओस की बूंदों सा चमक जाओ, कुदरत के संग , कहीं सैर पर निकल जाओ .... Kudrat