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आप सभी ने भी देखा होगा कि बड़े से बड़े लोग भी श

     आप सभी ने भी देखा होगा कि बड़े से बड़े लोग भी शुद्ध हिंदी का उपयोग हास परिहास के लिए करने लगे है, और उन्हें इसी हिन्दोस्तान में रहते हुए उसी राजभाषा का अपमान करने में शर्म भी नहीं आती। फर्राटेदार अंग्रेज़ी बोलना जैसे बुद्धिमान होने की निशानी बन चुकी है और हिंदी बोलना पिछड़ेपन की। 
     अधिक से अधिक बोली या भाषा को जानना अच्छी बात है लेकिन जानना-समझना और जान के न बोलना दुःखद बात है। सत्य तो यह है कि हिंदी केवल राजभाषा तक सीमित नहीं है यह राष्ट्र के कंठ से उदघोष होने वाली भाषा है। #हिंदीदिवस #14सितंबर_हिंदी_दिवस
     आप सभी ने भी देखा होगा कि बड़े से बड़े लोग भी शुद्ध हिंदी का उपयोग हास परिहास के लिए करने लगे है, और उन्हें इसी हिन्दोस्तान में रहते हुए उसी राजभाषा का अपमान करने में शर्म भी नहीं आती। फर्राटेदार अंग्रेज़ी बोलना जैसे बुद्धिमान होने की निशानी बन चुकी है और हिंदी बोलना पिछड़ेपन की। 
     अधिक से अधिक बोली या भाषा को जानना अच्छी बात है लेकिन जानना-समझना और जान के न बोलना दुःखद बात है। सत्य तो यह है कि हिंदी केवल राजभाषा तक सीमित नहीं है यह राष्ट्र के कंठ से उदघोष होने वाली भाषा है। #हिंदीदिवस #14सितंबर_हिंदी_दिवस