ज़िंदगी के अनचाहे रंग (अनुशीर्षक में पढ़ें) ज़िंदगी के अनचाहे रंग ज़िंदगी है रंगीन चाहे हो रंग खुशी के, या हो दुख की कालिमा चाहे हो ये कितनी भी संगीन पड़ता ही है इसे जीना