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दो किस्म के लोग है इस टाइम समाज मे जो खूब लाइम लाइ

दो किस्म के लोग है इस टाइम समाज मे जो खूब लाइम लाइट में है। पहले वो जो धर्म के ठेकेदार बने घूमते हैं और दूसरे वो जो धर्म की इज्जत उतारने में व्यस्त रहते हैं। दोनों किस्म के लोगों की एक ही बीमारी है कि "धर्म से कोसों दूर है। बस बकैती करके 4 ठेलुओं को पीछे लगाकर सब नेता बनने की फिराक में रहते हैं और गाहे बगाहे ये तरकीब काम भी कर जाती है। दो किस्म के लोग है इस टाइम समाज मे जो खूब लाइम लाइट में है। पहले वो जो धर्म के ठेकेदार बने घूमते हैं और दूसरे वो जो धर्म की इज्जत उतारने में व्यस्त रहते हैं। दोनों किस्म के लोगों की एक ही बीमारी है कि "धर्म से कोसों दूर है। बस बकैती करके 4 ठेलुओं को पीछे लगाकर सब नेता बनने की फिराक में रहते हैं और गाहे बगाहे ये तरकीब काम भी कर जाती है।
दो किस्म के लोग है इस टाइम समाज मे जो खूब लाइम लाइट में है। पहले वो जो धर्म के ठेकेदार बने घूमते हैं और दूसरे वो जो धर्म की इज्जत उतारने में व्यस्त रहते हैं। दोनों किस्म के लोगों की एक ही बीमारी है कि "धर्म से कोसों दूर है। बस बकैती करके 4 ठेलुओं को पीछे लगाकर सब नेता बनने की फिराक में रहते हैं और गाहे बगाहे ये तरकीब काम भी कर जाती है। दो किस्म के लोग है इस टाइम समाज मे जो खूब लाइम लाइट में है। पहले वो जो धर्म के ठेकेदार बने घूमते हैं और दूसरे वो जो धर्म की इज्जत उतारने में व्यस्त रहते हैं। दोनों किस्म के लोगों की एक ही बीमारी है कि "धर्म से कोसों दूर है। बस बकैती करके 4 ठेलुओं को पीछे लगाकर सब नेता बनने की फिराक में रहते हैं और गाहे बगाहे ये तरकीब काम भी कर जाती है।

दो किस्म के लोग है इस टाइम समाज मे जो खूब लाइम लाइट में है। पहले वो जो धर्म के ठेकेदार बने घूमते हैं और दूसरे वो जो धर्म की इज्जत उतारने में व्यस्त रहते हैं। दोनों किस्म के लोगों की एक ही बीमारी है कि "धर्म से कोसों दूर है। बस बकैती करके 4 ठेलुओं को पीछे लगाकर सब नेता बनने की फिराक में रहते हैं और गाहे बगाहे ये तरकीब काम भी कर जाती है। #Quotes