पुरानी बस्ती की खिड़कियों से मैं देखता हूँ तो सोचता हूँ नया जो वो शहर है बहुत ही ख़राब तय्यार हो रहा है #farhatEhsaas पुरानी बस्ती की खिड़कियों से मैं देखता हूँ तो सोचता हूँ नया जो वो शहर है बहुत ही ख़राब तय्यार हो रहा है #farhatEhsaas