ना कोई सियासत ना कोई तख्त की ललकार है लहू लहू बह रहा आसुओं में सूखा गुलाब है राधे राधे जुबां पर नियत में छुपा हेवान है समझ नहीं रहे यही तो अंत का शंखनाद है । #तंज #अभी के हाल पे #अपनी कलम से #मेरे_जज्बात008 #रोता रूह #yqbaba #yqdidi #kunu