कब तक यूं सनम अपनी यादों में, पल पल हमें सताओगे। मैं राह तुम्हारी देख रहा, बदलाओ तुम कब आओगे।। क्यों याद में मेरी आते हो, मुझे सारी रात जगाते हो। क्या हक है तुम्हें मेरी यादों में, जो पल पल यूँ तड़पाते हो।। कब तक यूं सनम अपनी यादों में, पल पल हमें सताओगे... मेरे नींदों में तुम मेरे ख्वाब में तुम, मेरे दिल की हर अरदास में तुम, मेरी कविता गीत गजल में तुम, हर लब्ज में सांसो के साज में तुम, तुम दिल में मेरे रहते हो, चुपके से तुम कुछ कहते हो, मैं दूर रहूं तुमसे कैसे, नस नस में लहू बन बहते हो। कब तक यूं सनम अपनी यादों में, पल पल हमें सताओगे, कुछ वक्त पता तुम बतला दो, कब हमसे मिलने आओगे... कब तक यूं सनम... #मेरागीत