ज़िन्दगी तेरी तलाश में हर रोज़ हम जीते रहे। गमों को खुशियां समझ कर राह ए गम पीते रहे दस्तूर है क्या कुछ भी कायम रहता नहीं। फिर क्यों हम तुझे ताउम्र कांधे पे लिए फिरते रहे #justification of #life