न पहाड़ों सी ख़ूबसूरती थी मेरे पास न समंदर सा बड़ा दिल न चाँद की ठंडक थी मेरे पास न सूरज सी गर्मी मैं तो खेतों,खलिहानों,मैदानों और पठारों का रहनवार मेरे पास था बस दुःख,द्वेष, क्रोध,अपमान और अन्याय और कुछ न होकर भी कपोल-कल्पित उपलब्धियों का दम्भ! OPEN FOR COLLAB✨ #ATrandombg281 • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ 🏆❣️Participate in our Valentine's Day contest. Check out our pinned post! 😁🏆 Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: #aestheticthoughts