हम भी परेशां तुम भी परेशां हम से हमारे गम भी परेशां अश्कों से हर पल आँखें परेशां हम ज़िन्दगी से वो हमसे परेशां इन्हीं उलझनों में उलझे हैं कब से मोहब्बत की हमने या हुई भूल दिल से यही सोच कर हर लम्हा परेशां हम ज़िन्दगी से वो हमसे परेशां ये किस मोड़ पर आज फिसले हैं हम तुम यही थी क्या मंज़िल गिरे हैं जहाँ हम मेरी खोज में हैं ये राहें परेशां हम ज़िन्दगी से वो हमसे परेशां #परेशां