तुम्हारी ये नज़रें झुक क्यूँ जाती है मेरे दीदार पर, सुना था मैंने कि इश्क़ खुदा है, तुम भी ये सब मानते हो क्या?? दर्द तकलीफ़ कभी मैं तो नहीं बताती, सुनो, आँखें पढ़ने का हुनर रखते हो? मेरे चेहरे के भाव पहचानते हो क्या?? मालूम है मुझको, तुम्हारे आँसू सिर्फ मैंने देखे हैं, हर दर्द, हर तकलीफ में मेरी गोद क्यूँ चाहिए? मुझे अपना हमदर्द मानते हो क्या?? कभी इतनी मुलाकातें तो हुई नहीं, बातों का सिलसिला भी कभी रात भर नहीं चला, सिर्फ आवाज सुनकर मेरी उदासी पहचानते हो क्या?? मेरी कहानी में तो ज़िक्र भी नहीं तुम्हारा, तुमको कैसे पता कि दिल में बसते हो , सुनो, तुम मुझे इतना जानते हो क्या?? - दिव्या पाठक - इश्क़ #nojotohindi #nojoto #dvdp #divya