ज़िंदगी के टेढ़े-मेढ़े रास्ते हैं बड़ी लंबी है इसकी रहगुज़र। अकेला कब तक चले कोई काटे नहीं कटती कठिन डगर ख़ुद से ज़्यादा भरोसा किया अब तू ही मेरा सच्चा साथी तू ही रहबर। सुनो! कभी जो छोड़ा साथ मेरा तो कहे देती हूँ!हो जाऊँगी मैं दर-बदर। तुझ से ही साँसें मेरी तू जान तू ही ज़िगर कहती है दिल की धड़कन सुन मेरे हमसफ़र। तेरी होंठों की लम्स से आती जान में जान महफ़ूज़ हूँ जब से बना तेरे दिल में मेरा घर। ज़िंदगी के टेढ़े-मेढ़े रास्ते हैं बड़ी लंबी है इसकी रहगुज़र। अकेला कब तक चले कोई काटे नहीं कटती कठिन डगर ख़ुद से ज़्यादा भरोसा किया अब तू ही मेरा सच्चा साथी तू ही रहबर।