उंगली पकड़कर जिसकी चलना सीखा जिसके कंधे पर बैठकर देखा सारा जहां मेरी खुशी को बरकरार रखना जिसका था सपना हम बर्ताव करने पर वह तभी माने हमें अपना ना माथे पर कोई सेकंस ना दिल में कोई गिला तू भुला दे मेरी हर गलती ना रखें कोई शिकवा जिंदगी की कड़ी धूप में दे मुझे वो छाया आखिर ऊपर वाले ने पिता को किस मिट्टी से बनाया ना सोचे अपना भविष्य ना सोचे अपना आज मेरी खुशी के लिए करता रहे दिन रात हाथों में खिलाकर घोड़ा बन बन जावे न कैसे जा सकता है वह हर एक पर भूलाया I miss you papa #newplace bhawna