कुछ शोख़, कुछ खामोश सी, मदहोश तो कुछ मंद हैं ज़रा ख़त संभाल के खोलना, इसमें धड़कनें मेरी बंद हैं #अंजलिउवाच #YQdidi #चुटकीभरख्वाब #ख़त #धड़कनें #शोख़