माँगा जो मेरा है जाता क्या तेरा है मैंने कौन सी तुझसे जन्नत माँग ली कैसा खुदा है तू बस नाम का है तू रब्बा जो तेरी इतनी सी भी ना चली -Irshaad Kaamil Irshaad Kaamil shayari