जिंदगी की राह चलते चलते हमने कदम पीछे कर लिए कुछ अपने छोड़ गए कुछ गैरों ने छोड़ दिया अब ना रहा दम इस जिंदगी में जीने का क्या करें हम फिर जिंदगी ने कहा ए जिंदगी तू चलता जा जहां तेरा कदम चले कहीं ना कहीं वह मोड़ मिलेगा तुझे जहां आराम मिलेगा ©Yahuda Yahuda इस्लाम