सोचा था प्यार के धागे को टूटने ना देंगे... सोचा था यादों के सिलसिले को छूटने ना देंगे.. हवाओं के साथ वो भी बहते चले गए हमसे बहुत दूर... सोचा तो था ही पतंग की तरह अपने अरमानों को कटने ना देंगे... अरमान भी चले गए, और वो भी... धागा भी टूट गया और हम भी.. पतंग भी कट गयीं, और सिलसिले भी खतम .. बचा तो बस हमारी यादों का अहसास..😊 Ñîhâľ Tiwari