Nojoto: Largest Storytelling Platform

जीवन ज्वालाओं से तपकर, स्वर्णिम हो सकता है दुनियां

जीवन ज्वालाओं से तपकर, स्वर्णिम हो सकता है दुनियां में हर इंसान।
जो अपने अधिकारों को ना जाने, ना समझे, वह इंसान है पशु समान।

सामाजिक दायरों में बंधी हुई है, दुनियां में यहां जिंदगी प्रत्येक नारी की।
सामाजिक दायरें तोड़कर ही बना सकती है, जिंदगानी अपनी कल की।

अपमान और तिरस्कार को सहना छोड़कर, खुद के लिए लड़ना ही पड़ेगा। 
गर चाहिए सम्मान, तो खुद को शिक्षा व मेहनत से आबाद करना पड़ेगा।

सामाजिक दायरे बनाए हैं, इंसानों ने इंसानों के लिए समाज की खातिर।
हर इंसान पुरुष हो या नारी, है एक बराबर सभी को समझना ही पड़ेगा।

नारियों को जो महज उपभोग की वस्तु समझते हैं, सोच बदलनी होगी। 
नारी बिना नर ना होगा, नारी ही है जननी, ये बात स्वीकार करनी होगी। 🎀 Challenge-403 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। अपने शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
जीवन ज्वालाओं से तपकर, स्वर्णिम हो सकता है दुनियां में हर इंसान।
जो अपने अधिकारों को ना जाने, ना समझे, वह इंसान है पशु समान।

सामाजिक दायरों में बंधी हुई है, दुनियां में यहां जिंदगी प्रत्येक नारी की।
सामाजिक दायरें तोड़कर ही बना सकती है, जिंदगानी अपनी कल की।

अपमान और तिरस्कार को सहना छोड़कर, खुद के लिए लड़ना ही पड़ेगा। 
गर चाहिए सम्मान, तो खुद को शिक्षा व मेहनत से आबाद करना पड़ेगा।

सामाजिक दायरे बनाए हैं, इंसानों ने इंसानों के लिए समाज की खातिर।
हर इंसान पुरुष हो या नारी, है एक बराबर सभी को समझना ही पड़ेगा।

नारियों को जो महज उपभोग की वस्तु समझते हैं, सोच बदलनी होगी। 
नारी बिना नर ना होगा, नारी ही है जननी, ये बात स्वीकार करनी होगी। 🎀 Challenge-403 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। अपने शब्दों में अपनी रचना लिखिए।