अगर सांसों की रवानी बाकी रही...और शब्दों की दुनियाँ में आप और हम यूँ ही स्थिर रहे तो दुबारा फिर मिलेंगे, इसी पहचान के साथ ।
आप सबके असीम स्नेह और समर्थन का मै हमेशा आभारी रहूँगी।
मुझे YQ पर बहुत सारे अच्छे-अच्छे और कमाल के लेखक मिले। उन सबसे मुझे बहुत कुछ सिखने को मिला। इस तरह से अगर मै कहूँ तो एक "गुरू" की भाँति आपसब ने मुझे भरपुर सराहा।
मुझे इस तरह अचानक से अलग हो जाना बिल्कुल भी अच्छा नही लग रहा है...लेकिन वक़्त का अपना एक अलग ही रुतबा है, उसके विपरित दिशा में अग्रसर होना ज़िन्दगी के कई पहलुओं पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।
कुछ नाम ऐसे भी है जो मेरी डायरी के पन्नों पर अंकित है जिन्हें पढ़कर मै भविष्य में इन गुज़रते पलों को कुछ पल के लिये समेट सकती हूँ।
मेरी आँखो के ओट में ठहरे अश्रु बिंदू आपसब के प्रति मेरा आदर भाव व्यक्त कर रहे है।
एक बार फिर से आपसब का बेहद धन्यवाद🙏