खुद को उम्मीद से जगाया था, किसी ने मुझे फिर से निखारा था, आज एक मोड़ पे खड़ा हूँ, जहा से कभी फिर से न गुजरने का सोच था, खुद को पत्थर बनते देखना, मेरी रूह ने कभी नही सोचा था।।।। #में_और_मेरे_अहसास