पेन कहां रख दिया मैंने और डायरी भी नहीं दिख रही है प्रिया तुमने मेरा पेन और डायरी देखी क्या दो लाइन मन में आयी थीं बहुत खूबसूरत हैं डर लग रहा है कहीं फिसल न जायें फोन में लिख लो अरे भई यही तो प्राॅब्लम है फोन भी डिस्चार्ज हो गया आज मैंने तो नहीं देखी डायरी और पेन बट क्या वो दो लाइन सुना सकते हो हां हां क्यूं नहीं अभी लो,तो अर्ज किया है खाने में मिर्च फिर ज्यादा हो गई आज मगर तुम्हारे प्यार ने सब बराबर कर दिया हर निवाला कड़वाहट से भरा था तुम्हारे प्यार की मिठास ने महसूस ही न होने दिया प्रिया हांथ बांधे खडी़ आंसुओं संग मुस्कुरा रही थी बडी़ दबी आवाज में बोली साॅरी एंड आय लव यू सो मच मैं बोला इंगलिश में नहीं उर्दू में बोलो इसमें वो फील नहीं है मेरे हाथों पर हाथ रखकर पलकें भींचते हुए बोली बेपनाह मोहब्बत करते हैं आपसे आयुष जी शायर आयुष की डायरी पेन कहां रख दिया मैंने और डायरी भी नहीं दिख रही है