अंबा जगदंबा माँ मेरी माँ, तेरे इस रूप में क्या है माँ जब भी सामने आता है आँसू निकल आते है शरीर शीतल हो जाता है मन शांत हो जाता है तुझे देखते रहने के सिवा कोई भी इच्छा शेष नहीं रहती #maa #अंबा