मुहब्बत सिर्फ मुहब्बत कि सुनती है , मुहब्बत सिर्फ मुहब्बत की चुनती है , कोई वास्ता नहीं इसका किसी और से , खाब मे भी जाले मुहब्बत कि बुनती है ll Sudha Tripathi Lumbini Shejul