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लगता है अभी तो कुछ लिखा नहीं, लगता है अभी तो कुछ क

लगता है अभी तो कुछ लिखा नहीं,
लगता है अभी तो कुछ कहा नहीं,
किसी बात को दिल से लगा बैठा,
कोई बात दिल से जा लगी।

देखना फ़िज़ूल था सपना,
ये हकीकत मैं जान चुका।
हाल ए दिल के बाजार में,
बैठा हूं ठगा हुआ।

अब रंग,न तरंग ही शेष बची,
कुछ इस कदर दुनिया से मै जुदा हुआ।

अब खुशी ना गम महसूस होता है,
ना आतिश,ना बारिश ही।
खोया रहता हूं कल्पनाओं के जाल में,
किसी उधेड़बुन में फंसा हुआ। #उधेड़बुन
#reading
लगता है अभी तो कुछ लिखा नहीं,
लगता है अभी तो कुछ कहा नहीं,
किसी बात को दिल से लगा बैठा,
कोई बात दिल से जा लगी।

देखना फ़िज़ूल था सपना,
ये हकीकत मैं जान चुका।
हाल ए दिल के बाजार में,
बैठा हूं ठगा हुआ।

अब रंग,न तरंग ही शेष बची,
कुछ इस कदर दुनिया से मै जुदा हुआ।

अब खुशी ना गम महसूस होता है,
ना आतिश,ना बारिश ही।
खोया रहता हूं कल्पनाओं के जाल में,
किसी उधेड़बुन में फंसा हुआ। #उधेड़बुन
#reading