हरी भरी इस धरती को लाचार बनाने पर तुला है ए इंसान क्यों तू अपनी औकात दिखाने पर तुला है मंदिर बनवाते हो मस्जिद बनवाते हो प्रशाद के नाम पर भोग लगवाते हो कहते हो भगवान खाते हैं ये क्यों नहीं कहते उनके नाम पर भी पैसा कमाते हो बचे खुचे पूजा के सामान को पानी में बहाते हो क्यों तू गंगा को भी बर्बाद करने पर तुला है ए इंसान क्यों तू अपनी औकात दिखाने पर तुला है अपने विकास के लिए ख़ुद जंगल को जलाते हो अपने वातावरण को खुद दूषित बनाते हो पेड पोधों को हटाकर साफ मैदान बनाते हो और जब बाढ़, सूखा के रूप में सृष्टि का कहर बरसता है तो उस ईश्वर को जिम्मेदार ठहराते हो जीव जंतुओं के आवास का विनाश करने पर तुला है ए इंसान क्यों तू अपनी औकात दिखाने पर तुला है #save#earth🗺️