मुझसे मेरा सूरते हाल ना पूछो पूछो पर हुस्न-ए-ज़माल ना पूछो करते हैं इश्क़ हम कई दसकों से लड़की की उम्र व जन्म का साल न पूछो करना है गर इश्क़ कम ज्यादा करलो उनसे उनके इश्क़ का हिसाब न पूछो फकत खोए रहते हैं किसी के ख़्याल में शीतल रातों में आते कितने ख़्वाब ना पूछो उन्होंने आहिस्ते से यूं कहा इश्क़ है तुमसे मैंने भी कहा मुझसे मेरा जवाब ना पूछो इश्क़ करते हैं तुमसे मगर हिसाब ना पूछो पढ़ते लिखते हैं सुनते हैं तुमको किताबों में अब वह कौन सी है किताब न पूछो!! ©Sudeep Singh मुझसे मेरा सूरते हाल ना पूछो #आदाब_अर्ज़_है #aadabarzhai #AADABARZHAI #abhishekism #lucknow #Poetry #You&Me