मंत्र मुगध था उस देख के भाव प्रकट नहीं कर पा रहा था सवाल थे मन में बस बयान कर नहीं पा रहा था नशा सा था उसमे कुछ अलग ही जब से उसे देखा था उतर नहीं पा रहा था B-+3++2