दिल से दिल तक पहुंँचाना है तो जिस्म की चाह छोड़ रूह के रास्ते जाना होगा हज़ार रुकावटें, मुश्किलें, परेशानियाँ होती हैं तब जाकर दिल से दिल तक पहुँचने तक मोहब्बत का आगाज़ होती है दो अजनबी मैं और तुम हम हो जाते हैं रिश्ता ये ऐसा बहुत ही नाज़ुक डोर से बंँधा टीका होता है ये रिश्ता आस, प्यार और विश्वास पर जिससे बन जाता मज़बूत और गहराई का रिश्ता जन्मों जन्मों का बंधन कभी ना छूटने वाला ♥️ Challenge-771 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।