ज़िन्दगी से थी तमन्ना, हमसफ़र मिले, बदनसीबी बस साथ ही मिला, खुशनसीबी से दूर -दूर तक नहीं नाता , ख्वाहिशें रही अधूरी, मुकम्मल प्यार ना मिला। ***कुमार मनोज (नवीन) *** #International_Ask_A_Question_Day#मनोज