Nojoto: Largest Storytelling Platform

जब सूरज की तपन से जिस्म ना जले। चांद की शीतलता से

जब सूरज की तपन से जिस्म ना जले।
चांद की शीतलता से बदन ना खिले।
जब शर्द हवा भी तेरे मन को खले।
जब बारिश की बूंदों से उठे जलजले।
दिन रात बंद न हो जिंदगी की हलचले।
हर वो खुशी पा ना सके जिसपे मन चले।

किसी को परवाह नही उसकी जान की।
बात हमारी नही मैं बात कर रहा हूं किसान की।।
अक्सर राते कटी खेतो में।
सोए कही बार मेढ़ो में।
खुद को लपेट रखा कर्ज के थपेड़ों में।
अपनी खुशी कहा ढूंढता जंगल से इन शहरो में।
वो तो खुश है अपनी गाय बकरी और भेड़ों में।
कोई कदर नही किसी को उसके अरमान की।
बात हमारी नहीं मैं बात कर रहा हूं किसान की।

©Kamu @Cute Shayar मैं बात कर रहा हु किसान की

#kishanandolan
जब सूरज की तपन से जिस्म ना जले।
चांद की शीतलता से बदन ना खिले।
जब शर्द हवा भी तेरे मन को खले।
जब बारिश की बूंदों से उठे जलजले।
दिन रात बंद न हो जिंदगी की हलचले।
हर वो खुशी पा ना सके जिसपे मन चले।

किसी को परवाह नही उसकी जान की।
बात हमारी नही मैं बात कर रहा हूं किसान की।।
अक्सर राते कटी खेतो में।
सोए कही बार मेढ़ो में।
खुद को लपेट रखा कर्ज के थपेड़ों में।
अपनी खुशी कहा ढूंढता जंगल से इन शहरो में।
वो तो खुश है अपनी गाय बकरी और भेड़ों में।
कोई कदर नही किसी को उसके अरमान की।
बात हमारी नहीं मैं बात कर रहा हूं किसान की।

©Kamu @Cute Shayar मैं बात कर रहा हु किसान की

#kishanandolan

मैं बात कर रहा हु किसान की #kishanandolan