कितनी मोहब्बत है तुमसे ये बयांँ लफ्ज़ों से करना नहीं आता मेरी मोहब्बत बेजुबां समझो तुम इसको मेरे दिल के धड़कनों और आँखों की चमक से तुम आए मेरे इतने क़रीब तुम बन गए मेरे नसीब बस अब इतना तुम जान लो तेरे बिना अब जीना नामुमकिन है मोहब्बत मेरी दिल पर दस्तक दी है दिल को अनजानी सी खुशी मिली है जब तुम दिल के क़रीब होते हो सांसें थम सी जाती हैं तब मोहब्बत के समय का कोई हिसाब नहीं रह जाता है। ♥️ Challenge-736 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।