*हर घर श्री राम का मन्दिर* राम मन्दिर बनाकर क्या करोगे मन में ही जब राम नहीं झूठ कपट धोखा देने के सिवा रहा कोई अब काम नहीं हर मन के अन्दर झांककर देखो बैठे इनमें पांच विकार राम भक्त बस नाम के रह गये बिगड़े हैं सबके संस्कार मुख में राम है मन में घात कैसा बना ये अपना समाज सुनाई कहीं ना देता अब प्रेम भाईचारे का सुन्दर साज ऐसे संसार में रहकर यदि राम का मन्दिर जो बनाओगे पहले ये बताओ तुम राम के संस्कार किधर से लाओगे किसलिए चाहते हो सिर्फ एक राम मन्दिर तुम बनाना मन्दिर बनाने से पहले सीखो तुम खुद को राम बनाना जिस दिन मानव का चरित्र राम के समान बन जायेगा समझ लो उस दिन हर घर श्री राम मन्दिर बन जायेगा *ॐ शांति*