ना जाने कैसे बेगैरत लोग इस धरती पर जन्म लेकर आते है बेजुबानों पर बेतहाशा कहर बरपाते है कभी हाथ पैर तो कभी मार कर सिर धड़ से अलग कर जाते है इंसानियत का गला घोट ना जाने ये कोन से शूरवीर बन जाते है दो वक्त की रोटी जो दान नहीं कर सकते वो भी अपने आपको इंसान बताते है दर्द पर किसी के मरहम ना लगा सकने वाले मरने पर दिखावे के टेसुए बहाते है। #कड़ुआ सच#I am back in the form