पी लेता है हर घूंट चुपचाप दुनिया के सामने लेकिन अपनी छाछ को कोई खट्टा नहीं कहता लाख निकाल लें कमी दूसरों की अच्छाई में मगर अपनी बुराई को वो बुराई नहीं कहता छुपाता फिरता है वो अपनी शख़्सियत ज़माने से वो जैसा है फिर कभी वैसा नही रहता ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_177 👉 अपनी छाछ को कोई खट्टा नहीं कहता लोकोक्ति का अर्थ --- अपनी चीज़ को कोई बुरा नहीं बताता। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ दो लेखकों की रचनाएँ फ़ीचर होंगी।