तो हम लिखा करें मर्द हूं ! शिषक के रो भी नहीं सकता अनमोल आंसू खो भी नहीं सकता और जब दर्द छुपा भी ना पाऊं,तो दूसरों को बता कर क्या करें ,तब उसका दिया दर्द उसे बताने को बनकर हम कवि लिखा करें ! सच्चे झूठ में छले वादों में तड़प तड़प के यादों में निशा में नैन जब मेरा रोया तो दिन में गीला गमछा सुखाया करें जब वो अपने छत पर आया करें तो बनकर प्रेमी हम लिखा करें । अब प्रेम रहित जब चाय पीते हैं तो जीभ स्वाद रहित हो जाया करे खाने को समय से याद दिलाती थी अब अलार्म से ही हम खाया करें जठराग्नि को समझाकर मैं बन अधीर हम लिखा करें । हाथ पकड़कर वो साथ थी चलती सुबह 4 बजे तक बात थी करती मेरे लिए वो ऑनलाइन थी रहती कपड़े,मोबाईल तो सब बदलते है कोई प्रेमी ही बदल लिया करे तो बन दुश्मन हम लिखा करें । #NojotoQuote #poetry hindi