मै बे इंतेहा इंतजार करता रहा, उम्र गुजरती रही और प्यार करता रहा। उनके प्रेम भरे शब्द सुनने को, हर लम्हे दर लम्हें मै तरस्ता रहा। शब्द उनके थे शायद जो उसने कहा, मोहब्बत पर "रसिक" ऐतबार न रहा।। जिन्दगी से प्रेम करो यारो ।