माना मैं उभरा नहीं हूँ पुराने ज़ख़्मों से अबतक, माना मेरे टूटे हुए अरमां मुझे अबतक सताते हैं। माना मैं भूला नहीं हूँ पुराने किस्सों को अबतक, माना मेरे जज़्बात मन- मस्तिस्क में उथल-पुथल मचाते हैं। माना मैं परेशां बहुत हूँ इन दिनों, माना तन्हाई के कुछ पल हर शाम मुझसे मिलने आते हैं। पर इन सब के बावज़ूद सब्र अपना खोता नहीं हूँ मैं, मुस्कुराकर आँशू छुपा लेता हूँ, यार, अब रोता नहीं हूँ मैं। ©prateekjackie... #Nojoto #Hindi #Hindi #Life #Struggle