कभी जो तुम्हे महसूस करू मैं तो मेरी दिल से निकले वो अधूरे से अहसास हो तुम, जब कभी मैं लिखने बैठूं तो मेरे लफ्जों के छिपे अनकहे से अल्फाज हो तुम, जब कभी गाऊं मैं गीत कोई तो मेरे उन गीतों में छिपे दिल के अरमान हो तुम, तुम्हे मै कैसे बताऊं खुद से अलग, जब जब भी मैं सांस लू मेरे दिल की धड़कन बन हरदम मेरे पास हो तुम, जब जब भी तुझे अपने साथ पाऊं, मेरे होठों में आती वो प्यारी सी मुस्कान हो तुम...!! ©Bablu Sahu #तेरे मेरे दर्मिया #तेरी मेरी कहानी #तुम_बिन #हमदर्द ,