तेरे होठों को छूकर के मैं मीठा जाम बन जाऊं । तेरे पलकों के झुकते ही मैं ढलता शाम बन जाऊ । हो मुकम्मल साथ गर अगले जन्म में प्रिये मीरा तुम बनो ऐसी मैं तेरा श्याम बन जाऊं ।। तेरे होठों को छूकर ....