मन्नू -गाड़ी रुक गई है,अब पैदल जाना पड़ेगा (रास्ता बड़ा सुनसान है रात बड़ी मनहूस है चारो तरफ रात के कीड़ों चमगादडों की आवाज है ओर कोई कुछ बोले तू उसका एक एक स्वर भी साफ गूंज पड़े अरे हां ये कब्रिस्तान का इलाका है और इसीके पास एक हवेली भी है जो न जाने दसको से खुली भी नही है ऐसा कहते है कि यह एक रूपवती सदवती स्त्री अपने पति के साथ रहा करती थी एक रोज किसी दुश्मन ने उसके पति को पैसों के लालच मैं मर कर तथा इसकी पत्नी के साथ दुष्कर्म कर इसी हवेली मे गाड़ दिया तबसे उस जोड़े की आत्मा यही घूमती है) गाड़ी एक बरगद के पेड़ के पास रुकी सविता मीनू को आधी नींद से उठाकर अपने आँचल मे छुपाई थी सविता अपने मन मे- राम राम राम ,हे राम ने जाने कहा की घड़ी थी जो में इन इनके साथ चली आई ए रास्ता तो बड़ा मनहूस है मे तो खेत की पगडंडी से होकर जाती मीनू-माँ मुझे बहुत नींद आ रही है सविता -हम्म जाते है ,हां कापते हुए स्वर मे मन्नू -अपने दोस्त की तरफ इशारा करते हुए अरे सविता चलो चलो मैं छोड़े देता हूं ओर अपने दोस्त के साथ आगे बढ़ जाता है सविता भी जरा साहस से बांधे हुए चलने लगती है मीनू को अपने आँचल में छुपाये हुए (मन्नू हवेली के एकदम पास में आकर सविता का हाथ पकड़ता है) ओर कहता है आओ सविता हम कुछ कहेंगे नही ये हमारा घर है अंदर आओ ओर अचानक मन्नू की आवाज बदल जाती है चंद्रमा की चांदनी मे उसकी छवि किसी बूढ़ी औरत के समान जान पड़ती है सविता के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई आंखों मे जल भर आया हाथ पैर ठंडे पड़ गए दिमाग अपनी सुध खो बैठा कंठ पूरी तरह सूख गया ओर अचानक उसे एक तीक्ष्ण ओर कानो को अप्रिय ऐसी हंसी सुनाई दी मन्नू नही ये तो कोई भयानक से साया है जिसकी आंखे एकटक बस मुझे ही देखे जा रही है ओर पल भर मे ये साया उस हवेली मे चला गया मन्नू का दोस्त उर्फ सेठ अचानक मेरे निकट आकर बैठ गया मन्नू उर्फ वो कुरूप महिला मेरे पीछे जान पड़ी और यूँ हस्ती तो कभी रोती कभी इतनी जोर से चीखती की मानो कान निःस्वार हो जाये मैं वही अचेत मानो एक मूर्ति की तरह खड़ी रही मीनू सब सुन रही थी मै उसका मुंह दवाये हुई थी काफी समय तक ये सब यूँ ही चलता रहा ओर अंत मैं दोनो हवेली मैं चले गए ओर मैं अपने घर आ गई ................................ अब खुद से ही पूछती हु क्या मैं ज़िंदा हु .......... या मेरे साथ कुछ अनहोनी हो गई मीनू भी दिखाई नही देती क्या ..... कुछ अनहोनी.......हो गई☠️💀 ©Himanshii chaturvedi #Anhoni श्री राम जय राम जय जय राम ।। श्री राम जय राम जय जय राम।। अब कभी नही लिख रही मै इतनी जोर से डर गई हां नही तो दिमाग मे इधर सब कुछ फ़्लैश लाइट के जैसे चमक गई सबकी सूरते 😩🙄