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किसी के सात्विक भावों को सताया न करो जल जाओगे आत्

किसी के सात्विक भावों को सताया न करो 
जल जाओगे आत्मिक चाहत ठुकराया न करो
बड़े भाग्य से जुड़ती है संबंधों की डोर किसी से
दरवाजा अगर खुला हो तो अगराया न करो
किसी के सात्विक.....
संबंधों को तुम परमात्मा का उपहार समझना
इनकी कद्र करो व्यर्थ इनको रूलाया न करो
जो बोओगे उसे तुम्हें ही तो काटना पड़ेगा
किसी गफलत में पड़कर वक्त गवाया न करो
किसी के सात्विक.....
वक्त गुजर गया तो चिंतन कर पाओगे क्या
अपने परिवार को छोड़ खुशियां लुटाया न करो
जो तुम्हारा है बस वही तुम्हारे काम आयेगा
"सूर्य" बुजुर्गो की बात यूं ही झुठलाया न करो
किसी के सात्विक.....

©R K Mishra " सूर्य "
  #सात्विकता  Sethi Ji Rama Goswami Ashutosh Mishra Suresh Gulia Puja Udeshi