मन की नगरी में सुख दुख की गंगा तो बहनी है, कभी धूप कड़ी तो कभी बारिश सुहानी है तू इस जीवन नैया को खेने का बोझ न पाल उस पर शिव की कृपा तो होनी है तू काशी में है, यहां क्या सुबह क्या शाम ज़िंदगी खूबसूरत ही है ©Smita Sapre #kashinagri